हेल्‍थ जर्नल ‘द लांसेट’ में राजनीतिक संपादकीय पर भड़के भारतीय डॉक्‍टर

हेल्‍थ जर्नल ‘द लांसेट’ में राजनीतिक संपादकीय पर भड़के भारतीय डॉक्‍टर

ब्रिटेन के प्रतिष्ठित हेल्‍थ जर्नल ‘द लांसेट’ में हाल ही में कश्मीर पर प्रकाशित एक संपादकीय पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस विषय पर उसका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और साथ ही, उसने राजनीतिक मुद्दे पर टिप्पणी कर अपने दायरे का उल्लंघन किया है। देश के अन्‍य बड़े डॉक्‍टरों ने भी अलग-अलग तरीके से इस संपादकीय का विरोध किया है। कई अखबारों और वेबसाइटों ने इस संपादकीय की आलोचना की है।

आईएमए ने कहा कि मेडिकल जर्नल ने भारत सरकार के एक आंतरिक प्रशासनिक फैसले पर कश्मीरियों के स्वास्थ्य चिंताओं की आड़ में प्रतिक्रिया जाहिर की है। एसोसिएशन ने इस अवांछित संपादकीय के पीछे मौजूद दुर्भावनापूर्ण मंसूबे पर सवाल उठाया है। 

आईएमए ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका द लांसेट ने इस राजनीतिक मुद्दे पर टिप्पणी कर अपने दायरे का उल्लंघन किया।’ यह संप्रभु भारत के मामलों में अवांछित हस्तक्षेप की निंदा करता है।

एसोसिएशन ने पत्रिका के एडिटर इन चीफ रिचर्ड हॉर्टन को लिखे एक पत्र में कहा कि ‘यह (संपादकीय) भारत संघ के आंतरिक विषय में हस्तक्षेप करने जैसा है। कश्मीर मुद्दे पर लांसेट का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। कश्मीर मुद्दा एक विरासत है जो ब्रिटिश शासन छोड़ कर गया।’ 

गौरतलब है कि ‘कश्मीर के भविष्य के चारों ओर डर एवं अनिश्चितता’ शीर्षक वाला संपादकीय पत्रिका ने 17 अगस्त को प्रकाशित किया था।

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